Monday 8 April 2024

फुर्सत में यारों के साथ यादों की बस्ती में

यादें झांकती है टूटी हुई खिड़की से अक्सर
मैं चेहरा छुपाये घूमता हूँ तेरे उजड़े हुए शहर से

अक्सर न मिलनें की उम्मीद से आता हूँ तेरी गली में
प्रतीक्षा में  ख़ुद की छोड़ आता हूँ तेरी गली में खुद को

आते जाते राहगीर  पूछते हैं ख़ैरियत मुझसे
हर बार तेरा जैसा हाल कह देता हूँ उससे


Tuesday 5 March 2024

@प्रतीक

Sunday 3 March 2024

@420 D coy

Wednesday 14 February 2024

आप सभी को निश्छल स्नेह दिवस की शुभकामनाएं

161,164 का बयान, मेडिकल टेस्ट और केस डिस्पोजल तो होते रहेगा

परंतु

उस माँ, पिता को भी हिम्मत दीजियेगा..
उनके आँखों के अंशु को जरूर पोछियेगा..
जिनके जवान बेटा, बेटी मोहब्बत में जान गवां दियें..

और अंत में
💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐
आप सभी को निश्छल स्नेह दिवस की शुभकामनाएं

Thursday 8 February 2024

उसके जाने के बाद ....

उसके जाने के बाद ....
एक तुलसी अपने आँगन में लगा रखा है
बहुत जतन से अपने आंसुओं से उसे सींचा है

उसके जाने के बाद....
जीवन मे छाया घनघोर अँधेरा है
एक जुगनू को देखकर 
सारी रात अंधेरे में हमने गुजारा है

उसके जाने के बाद....
उसकी आवाज़ कानों में बहुत शोर करती है
पीछे मुड़ के छुप कर ये आँखें बहुत रोती है

उसके लौट आने के इंतज़ार में....
सारी रात दरवाजा खुला रखा है
बेदर्द आँखें लौटने का  ख़्वाब देखती है

Monday 5 February 2024

Sunday 28 January 2024

घर तोड़ा नही उसने
बल्कि मेरा घर उजार दिया

तिनका तिनका से सजाया था
बेरहम ने राख में मिला दिया

नदियों का सौख नही मुझको
इन आँखों ने समुद्र देखा है

Saturday 27 January 2024

Wednesday 17 January 2024

Monday 15 January 2024

ये ठंड की रात और आवारा हवा 
ये आग और नींद का बोझ
ये वर्दी और लाल जूता 
ये तकलीफ और ग़ैरों का शहर 

और अंत में

अगर अपना शहर होता तो 
अभी तक घर  चल गए होते

Sunday 14 January 2024

एक ख्वाहिश थी कि जिंदगी तुम्हारे साथ गुजरे..

अब ख्वाहिश है कि तुम्हारा हमारा  उम्र भर सामना न हो...

Thursday 11 January 2024

शहर खाली पड़ा है..... कब्रिस्तान में भीड़ है...

शहर खाली पड़ा है
कब्रिस्तान में भीड़ है
        चूल्हे में सिर्फ़ राख बचा है
        शमशान में आग लगी है
समुंद्र ठहरा हुआ है
मन में तूफान मचा है
         बादल  साफ़ है
         आँखों में मूसलाधार बारिश लगा है

और अंत में

भीड़ में शामिल हूँ
फिर भी अकेला तन्हा हूँ

Sunday 7 January 2024

Monday 18 December 2023

वैसा नही हूँ जैसे मिलता हूँ तुम्हें थाने में

आओ और मिलो मेरे पुराने  दोस्तों से
वैसा नही हूँ जैसे मिलता हूँ तुम्हें थाने में

आओ और मिलो मेरे गाँव के  वादियों से
वैसा नही हूँ जैसे मिलता हूँ तुम्हें वर्दी में

आओ और पढ़ो मेरे लिखे शेरो और शायरी को
वैसा नही हूँ जैसे लिखता हूँ केस डायरी में

आओ और मिलो मेरे सपनों की बस्ती में
वैसा नही हूँ जैसे मिलता हूँ तुम्हें रात्रि गस्ती में

और अंत में

आओ और मिलो मुझसे  सच सुनो अकेले में
वैसा नही हूँ जैसे मिलता हूँ तुम्हें कोर्ट कचहरी में

जाते जाते

आओ और मिलो मुझसे कभी छुट्टी में
वैसा नही हूँ जैसे मिलता हूँ तुम्हें ड्यूटी में

Saturday 9 December 2023

उसके शहर से भूखा वापस आया हूँ
ये तो तोहीन है उसकी रसोईघर की

Monday 4 December 2023

छोटू कुमार पंडित @421

Monday 13 November 2023

दीपावली की बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं

इस  दीपावली भी पिछली साल की तरह गुजर रही है
उसकी आँखों के काजल को  देखे बिना 

वनवास तो खत्म हो गया
फिर भी मिलने की आस नही

और अंत में

अपनी भाग्यश्री लक्ष्मी को भी...
इस अमावस की रात को...

दीपावली की बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं
🎆🎇🎊🎊🎉🎉🪄🪄🎇🎇🎆🎆

Sunday 12 November 2023

दीपावली की बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं

अरसो हो गए हैं,
उसकी आँखों के काजल को देखे बिना

वनवास तो खत्म हो गया
फिर भी मिलने की आस नही

जिनसे मिल नही पता हूँ

उन्हें भी इस अमावस की रात को

दीपावली की बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं
🎆🎇🎊🎊🎁🎉🎉🪄🪄🎇🎇🎆🎆

Friday 27 October 2023

दुनियाँ का सबसे बड़ी सजा खुद को दूँगा

दुनियाँ का सबसे बड़ी सजा खुद को दूँगा
जिसे मैं चाहता हूँ उसका हो जाऊँगा

रुक रुक कर वक़्त को रोकता रहता हूँ
दो कदम उसका हाथ थामे साथ चलता रहूँगा

मुझे अरसे हो गए हैं उसे देखे बिना
सुन रखा है पहले से ज्यादा खूबसूरत हो गई है

और अंत में

सुने हैं इस दशहरा पगली झुमका खरीद रही थी
अब उसे कैसे बताएं
पिछले दशहरे में ही उसके लिए झुमका खरीद रखा है

Friday 15 September 2023

अपने पल्लू में एक ऐसी जड़ी बाँध लो...
जिससे  तेरा मेरा और मेरा तेरा होने का एहसास हो

Monday 11 September 2023

वो खुदगर्ज है...।

जो तुझे देख कर 
तेरा न हो पाया
वो खुदगर्ज है...।

जो तेरा होकर
तुझ से मिल न पाया
वो भी बहुत खुदगर्ज है..।।

Sunday 13 August 2023

मुझे मुफ़्त में ले जाये कोई
मुझे नीलामी से डर लगता है

मोहब्बत तो ठीक है पर
मुझे इसके दुष्परिणाम से डर लगता है

Tuesday 25 July 2023

वो मेरे भेजे हुए सारे पत्र को संभाल कर रखती है
वो शाम को उसपर भूँजा, नमक और तीखा मिर्च रखती है

और कहती है सब कुछ ठीक है
थोड़ा नमक के साथ मिर्च और ज्यादा तीखा होना चाहिए

अनजानें शहर में

अनजानें शहर में
गली गली गाँव गाँव मुसाफिर बन फिरता हूँ

ना जानें कब से 
अपना शहर गाँव गली छोड़ कर भटकता फिरता हूँ

ना किसी का सुनने वाला
हर किसी का बातें ध्यान से सुनता फिरता हूँ

डूबते सूरज के साथ
रातभर सोते शहर में अकेले जागते फिरता हूँ

बस्ती बस्ती घोर अंधेरा 
आशा बन रात भर चलते जलते फिरता हूँ

अनजाने शहर को
अपना समझ कर हर वक़्त तैनात रहते फिरता हूँ

Sunday 23 July 2023

ये बात भी उसी पर छोड़ आया हूँ

मैं उसके इंतज़ार में और भी काला हो गया हूँ
ये बात भी स्टेशन डायरी में लिखकर आ गया हूँ

मैंने भी उसकी दिल की चोरी बिना पूछे की है
ये बात भी अंतिम प्रपत्र में लिखकर आ गया हूँ

अब सजाये उम्र कैद मिले या रिहाई मिले
ये बात भी उसी पर छोड़ आया हूँ

Sunday 16 July 2023

चंद्रयान 3

पिछली बार भी मिलने गया था प्रिय !
लेंडर रोवर का सॉफ्ट लैंडिंग ना हो पाया प्रिय !!
इस बार पूरी तैयारी से मिलने आ रहा हूँ प्रिय !
इस बार मिलनें में ना कोई बहाना ना ही कतराना प्रिय !!

जन्मदिन की अनंत बधाई एंव शुभकामनाएं

मैं थोड़ा आलसी हूँ
हर बार देरी हो जाती है

जब भी कहीं जाना हो
जब भी किसी से मिलना हो
मैं देर कर देता हूँ


जब भी किसी से कुछ कहना हो
जब भी किसी को याद करना हो
मैं भूल जाता हूँ

जब भी धीरे से कुछ कहना हो
कहते कहते कुछ सुनना हो
मैं चुप हो जाता हूँ

और अंत में

जब भी बधाई देनी हो 
हर बार हर चीज में देरी कर देता हूँ

जाते जाते
💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐

जन्मदिन की अनंत बधाई एंव शुभकामनाएं

🎂🎂🎂🎂🎂🎂🎂🎂🎂🎂🎂🎂

Sunday 9 July 2023

सावन की बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं

उसे ढूँढने के लिए...

सारे शिवालयों का चक्कर लगा आया हूँ
और वो चुपचाप मन में ही शिवाला बना बैठी है

लगता है इस सावन भी शिव नही मिलेगें मुझे
लगता है पगली शिव की प्रिय दासी कहीं बन बैठी है/होगी

और अंत में

सुने हैं उसके शहर में बरसी तेज होती है
और यहाँ मैं उसे हर बूंदों में ढूँढता फिरता हूँ

यूँ जो तुम आहिस्ते आहिस्ते सारे प्रश्न पूछते हो

यूँ जो तुम आहिस्ते आहिस्ते सारे प्रश्न पूछते हो
यूँ जो तुम धीरे धीरे सारे प्रश्न का जबाव ढूँढ़ते हो
एक सलीक़े का उत्तर है तुम्हें सबकुछ पता है 
फिर भी पूछते हो
यूँ जो बात बात पर जीने मरनें की बातें करते हो
यूँ जो बिना बोले सारी बातें समझा करते हो
साफ़ साफ़ क्यों नही कहते तुम्हारे साथ जीना चाहते हैं

Thursday 29 June 2023

अपना ख़्याल रखा करें

कभी कभी अपना हाल
लिख कर भेजा करें

हाल में अपना ख़्याल
लिख कर भेजा करें

जब भी मेरी याद आये
अपना ख़्याल रखा करें

Tuesday 20 June 2023

बहुत दिनों बाद किसी ने उसकी खबर दी
खूबसूरत ज्यादा हो गई उससे ज्यादा अच्छी

उससे खैरियत पूछे बिना,

उससे खैरियत पूछे बिना,
मैं खैरियत का हाल लिख नही सकता।।

उसके मुस्कुराने पर मौसम साफ लिखता हूँ
उसके नाराजगी पर आसमान में बदल छाया लिखता हूँ

उसके गुड नाईट लिखने पर हाजत शून्य लिखता हूँ
कुछ नही लिखने पर हाजत मूड के हिसाब लिखता हूँ

उससे मिलने पर आज का डायरी लिखना शुरू करता हूँ
उससे बिछुड़ने पर पिछले 24 घण्टे का डायरी लिखना बंद करता हूँ

और अंत में

उसने मुझसे रिश्वत में मोहब्बत मांगती है
दूसरे तरफ मोहब्बत में भ्र्ष्टाचार पसंद नही करती है
पिछले वर्ष के मौसम के साथी
तुमसे नही मिलने पर 
यहां भी बारिस नही होती

धूप से ज्यादा गर्मी है
गर्मी से ज्यादा धूप 
लगता है अपनी जुल्फें बांध रखी हो क्या

Wednesday 14 June 2023

मेरा क्या है.. मैं यूँही दरबदर/तन्हा भटकता हूँ

मैं ड्यूटी पर तैनात लड़का हूँ
और वो OD से फ़रार लड़की है

मैं जनता जनता कहता हूँ
और वो छुट्टी छुट्टी कहती है

मैं रात्रि गश्ती कहता हूँ
और वो मुस्कुराकर रिज़र्व ड्यूटी कहती है

मैं दिवा गश्ती से काला होता लड़का हूँ
और वो 2nd OD पर सजधज कर बैठी है

मैं केस डायरी, CS, से परेशान रहता हूँ
और वो स्टेशन डायरी, सनहा लिखती है

*और अंत में*

ये सारी बातें एक तरह...

अपना काम छोड़ मेरा ही सारा काम करती है वो,
मेरा क्या है.. मैं यूँही दरबदर/तन्हा भटकता हूँ

Friday 2 June 2023

मैं अच्छा कहानीकार हूँ
फिर भी कहानी अधूरी रह गई..

Monday 29 May 2023

Sunday 28 May 2023

Thursday 25 May 2023

एक मैं हूँ, जो हर रोज पौधे में पानी देना भूल जाता हूँ
एक पगली है, जो हर रोज उस पौधे में अगरबत्ती जला आती है

Wednesday 10 May 2023

Sunday 7 May 2023

वो बोल रही थी कि तेरी यादों को राख कर दूँगी
ये बोल के पगली रोते रोते आँखे लाल कर ली

थाना सिरिस्ता

ऐ सब कुछ उसकी मेहरबानी है साहब
क्या बतायें.......
ये जिंदगी धीरे धीरे थाना सिरिस्ता होते जा रहा है

आमद तो बहुत पहले कर लिए थे पर प्रस्थान के लिए बेक़रार है

और अंत में

ये रिश्ता चिन्दी पुल्लथ्रो से शुरुआत किये  थे
अब आमद, प्रस्थान, गस्ती, केस डायरी पर बात आ गई है

Monday 1 May 2023

तेरी गलियों में ना रखेंगे कदम, आज के बाद ..

Monday 24 April 2023

Saturday 22 April 2023

मैं रावण हूँ.......मुझे राम से ईर्ष्या होती है

मैं रावण हूँ 
मुझे राम से ईर्ष्या होती है

मैं पाताल लोक का वाशी हूँ
वो धरती और आकाश का मालिक है

मेरे पास सब कुछ है
वो सब कुछ का मालिक है

मैं सत्य के पीछे भागता हूँ
वो ही केवल अंतिम सत्य है

मेरे पास सारी शक्तियां है
वो सभी शक्तियां का स्रोत है

मेरे सभी देवी देवता दासी है
वो सभी दासी का स्वामी है

मैं त्रिलोक विजेता हूँ
वो त्रिलोक रचेयता है

मैं लंका का राजा हूँ
वो ब्रह्मांड का जननी है

मैं लंकापति  रावण हूँ
वो तो तीनो लोक का नारायण है

Sunday 2 April 2023

पुराने शहर के परिन्दें बहुत याद आते हैं

अब नए शहर में किसी को अपना नही बनाऊंगा
पुराने शहर के परिन्दें बहुत याद आते हैं

अब नए शहर में किसी को धोखा नही दूँगा
पुराने शहर के बफादारी बहुत याद आते हैं

अब नए शहर में किसी से वादा नही करूँगा
पुराने शहर के कसमें बहुत रुलाते हैं

अब नए शहर में किसी को अच्छा नही कहूँगा
पुराने शहर के लोगों की याद रात भर जगाते हैं

अब नए शहर में किसी को अच्छा नही कहूँगा
पुराने शहर के ईमानदारी बहुत खलता है

अब नए शहर में किसी को खरीद कर कुछ नही दूँगा
पुराने शहर के आँखों के काजल बहुत रुलाता है

अब नए शहर में किसी को आवाज देकर नही रोकूँगा
पुराने शहर के पायल की रुनझुन बहुत सताता है

और अंत में

आज रविवार है पगली फिर से छोटी सी बिंदी 
और आँखों हल्का काजल लगायी होगी

Saturday 18 March 2023

नये शहर में अगर मैं खो जाऊँगा

नये शहर में अगर मैं खो जाऊँगा
तुम आवाज़ देना, वापस आ जाऊँगा

नये शहर में अगर मैं व्यस्त ज्यादा हो जाऊँगा
तुम याद आना, फुर्सत मैं ढूंढ लाऊँगा

नये शहर में रातभर नींद नही आती है
तुम सपनों में आना, सारी रात पुरानी बातें करूँगा

और अंत में

नये शहर में जिसे देखूँ बातें सुना जाता है
पुराने शहर की तुम्हारी डाँट बहुत याद आती है

जाते जाते

कल रविवार है पिछली रविवार की तरह सजना संवरना 
आँखों में हल्का काजल, माथे पर छोटी सी बिंदी लगाना
बालों को सजा कर बांधना, और होठों पर थोड़ी मुस्कुराहट रखना

और मैं तुम्हें दूर से ही नज़रे झुकाये देखता रहूँगा

Thursday 9 March 2023

होली की शुभकामनाएं

Tuesday 7 March 2023

Bpa छोड़ते छोड़ते

Bpa छोड़ते छोड़ते 
मैंने तुम्हें भी छोड़ दिया 
तेरी बातें को 
तेरी मुस्कुराहट को
तेरी यादों को
तेरी ख़्वाब को
तेरी चेहरे को
तेरी अहसासों को
तेरी भरोसे को
तेरी इसरों को
तेरी पायल को
तेरी अदाएं को

*अरे पगली सुन*
तू तो कुछ पूछती भी नही है फिर भी कहता हूँ..

सब कुछ छोड़ते छोड़ते
मैंने खुद को भी तेरे पास छोड़ दिया
अगर तू इजाजत दे तो
सिर्फ शरीर ले जा रहा हूँ
साँसे चल रही है.. नाम तेरा ले रहा
धड़कन धड़क रही है..पर तेरे लिए
आगे कुछ दिख नही रहा..बस तू दिखती है
आँखे पत्थर सी हो गई है..सिर्फ़ तुझे  ढूंढ रही है
कहाँ हूँ पता नही..सिर्फ लगता है तेरे हाथ मेरे हाथ मे है
तेरी सारी बातें अंदर ही अंदर मुझे कचोटती है

Wednesday 1 March 2023

ऐ bpa वालों तुम्हें कुछ मालूम भी है



ऐ bpa वालों तुम्हें कुछ मालूम भी है 
या यूँ ही खुद पर गुमान करते हो..
तेरी छोटी सी चार दिवारी में
मेरी खूबसूरत महबूब भी रहती है

जब शाम को सजधज कर मुझसे मिलती है तो
तेरी ऊँची गुबंद वाली मकान भी फीकी लगती है

जब वो मुस्कुराते हुए  जुल्फें लहड़ाती है
तेरा कच्ची मैदान  काली बादल की तरह ढक जाती है 
और छोटी लगती है

बंजर भूमि पर रुकी सूखी हरी घास लगाते हो
कभी मेरी महबूब से मिलो
देखने और सोचने मात्र से तरोताजा महसूस करता हूँ

तुम्हें क्या लगता हैं सिर्फ तुम्हें परेड आता है
जब भी उससे मिलने जाता हूँ
पहले दाहिने सज 
फिर 1,2,1..कह कर कदमताल कराती है
उसके बाद ही बात आगे बढ़ाती है

क्या तुम्हें लगता है सिर्फ तुम्हें पता है
ट्रेनिंग मीन्स टाइम होता है
एक बार उनसे भी एक सेकेंड देरी से मिलो
पनिशमेंट में hello hello सारी रात शीर्षासन hello कराती है

तुम्हारे यहाँ तो बारिश भी नही होती
ये तो बात बात पर आँखों से मूसलाधार बारिश करती है

और अंत में..

क्या लगता है तुम्हें सिर्फ तुम्ही से pop चाहिए
मुझे तो उस पगली से भी pop लेनी है

पगली कुछ भी न तो जानती है न ही समझती है
बस जीने का दूसरा नाम मोहब्बत कहती है
यहाँ से जाने के नाम पर गले लग कर पगली बहुत रोती है

Sunday 26 February 2023

कुछ तो है जो छूट रहा है #BPA

जिन्दगी उस मोड़ पर आ गई है

जिस से जिन्दगी है

उसी से विदाई लेनी पड़ रही है

हाँ माने की थोड़ी मुश्किल है

यहाँ से जाने की ख्वाहिश भी तो अपनी थी

पहले पराया कहे,फिर अपना,अब  बेगाना भी कह देगें

सब कुछ छोड़ कर जाने की रिवाज़ है दुनियाँ में
इस रस्म को भी निभानी है

वक़्त किसी के लिए नही रुकता 
इस बात को भी समझनी है

एक पिजड़े को तोड़ देने की तैयारी थी
खुला दरवाजा सोच कर हैरानी है

उड़ते परिन्दें कब अपना घोंसला बनाया है
कभी इस डाल पर कभी उस डाल पर फिर शाम होते शहर छोड़ देगें

यहाँ का प्रशिक्षण महाभारत का युद्ध जैसे रहा
युद्ध जीत जाने पर अंत में अपनों का खोने का गम में गले लग कर रोयेगें

हाँ यहाँ से प्रशिक्षित होकर जायेगें
पर अपने सुनहले पल और अपनों की यादों को भुलाने में अप्रशिक्षित रह गए

और अंत में

हमेशा मन मे एक बात ही लगातार चल रहा है
कोई चीज है जो छूट रहा है
कोई चीज है जो आँखों से ओझल हो रहा है
कोई चीज है जिसे भूलना नही चाहते
कोई चीज है जिसे खोना नही चाहते
कोई चीज है जिसे से बिछड़ना नही चाहते
कई वादें हैं जिसे तोड़ना नही चाहते

कोई चीज है जो कुछ दिन और ठहर जा कह रहा हो

Saturday 18 February 2023

लगता है नाराज़ होकर पहुंच गई है भोलेनगरी में

सफ़र में गुम होना अगर तो सीता जैसी
तुझे जंगल जंगल ढूंढता रहूँ वनवासी बनकर

इंतज़ार भी अगर करना होतो सती जैसी
तुझसे मिलने के लिए बार बार जन्म लेता रहूँ धरतीपर

मुझसे क्रोधित होकर बन जाना काली सी कल्याणी जैसी
मैं निर्बल बन जमीन पर लेटा रहूँगा भोलेनाथ जैसे

और अंत में

पगली नज़र नही आ रही है इस शिवरात्रि में
लगता है नाराज़ होकर पहुंच गई है भोलेनगरी में

जाते जाते

💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐
आप सभी को महाशिवरात्रि की बधाई एवं शुभकामनाएं
🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻

महाशिवरात्रि की शुभकामनाएं

Friday 17 February 2023

सुझाव

वो मुझे सुझाव तो देती है,
पर साथ नहीं देते ।।

ना तो नही कहती है
पर हाँ नही कहती

साथ तो चलती है
पर हाथों में हाथ नही थामती

वो मुझे हर वक्त देखती है
पर आँखों मे आँखों डाल कर नही देखती

वो मुझे सुनाती तो है
पर मेरी कभी नही सुनती है

Tuesday 14 February 2023

स्नेह दिवस की पगली को भी शुभकामनाएं

कहते कहते मैं चुप हो जाऊँगा
फिर भी मैं मोहब्बत निभाऊंगा

बातें करते करते मैं खामोश हो जाऊँगा
फिर भी मैं मोहब्बत निभाऊंगा

चलते चलते मैं खो जाऊँगा
फिर भी मैं मोहब्बत निभाऊंगा

देखते देखते मैं आँखें बंद कर जाऊँगा 
फिर भी मैं मोहब्बत निभाऊंगा

वादा करते करते मैं तोड़ जाऊँगा
फिर भी मैं मोहब्बत निभाऊंगा

फिर से मैं लौट कर आऊँगा
गाते गाते मैं तुम्ही को गुनगुनाउँगा
लिखते लिखते मैं तुम्ही को लिख जाऊँगा
हाँ फिर से मैं मोहब्बत निभाऊंगा

Sunday 12 February 2023

Tuesday 7 February 2023

Happy 🌹Rose🌹 Day

Monday 6 February 2023

कंधे में दर्द बहुत है

स्टार लगाने से पहले का बोझ है,या
जिम्मेदारी का भार बहुत ही अधिक है,या
न थकने वाली आदत की शुरुआत है,या
अपनों की परवाह/फ़िक्र का पुरस्कार है,या
चुपके से सब कुछ सहने का एक हिस्सा है,

और अंत में

थोड़ा बहुत पाने के लिए बहुत कुछ खोना पड़ता है
थोड़ा बहुत जीने के लिए अंदर ही अंदर मरना पड़ता है

#BPET

Sunday 5 February 2023

बजट

वो बजट की लोकलुभावन योजना प्रिय
मैं साधरण मध्यवर्गीय प्रिय

वो बजट की खूबसूरत धोषणा प्रिय
मैं टैक्स स्लैब में छूट का इंतज़ार करता प्रिय

वो खर्च की सालभर का लेखा जोखा  प्रिय
मैं हर महीने वेतन का इंतजार करता प्रिय

वो बजट सत्र की हंगामा प्रिय
मैं खाली जेब का सन्नाटा प्रिय

और अंत में

इतना लिखते ही मैं pop गया प्रिय
तब से ये अधूरा लिखा रह गया प्रिय

😂😂😂😂😂😂😂😂
कश्तियाँ सब की किनारे लगती है
बहाव अगर प्रतिकूल हो तो
हवाओं का रुख बदलने का इंतज़ार कर

Friday 3 February 2023

Wednesday 1 February 2023

दुश्मन अच्छा और स्तर का हो तो
लड़ने में भी मजा आता है

नही तो

दोस्ती भी अच्छा ,सच्चा और स्तर का न हो तो
वो दोस्त क्या दुश्मन भी बनने लायक नही होता

Sunday 29 January 2023

चाय

ये चाय नही है साहब, आदत है
जैसे सुबह उठ कर, 
किसी से मिलना हो/अखबार पढ़ना है
किसी के होने के एहसास दिलाता है
सब कुछ अच्छा होगा, भरोसा दिलाता है
अपनापन का एहसास दिलाता है
रिश्तों को तरोताजा हर सुबह करता है
दोपहर का खालीपन का अपना साथी है
शाम में किसी का इंतज़ार करता है
किसी से बेवजह बातचीत का जरिया है
थकान, नींद,शिर दर्द का छूमंतर है

और अंत

एक पगली से मिलने का बहाना है
देर तक उसे बिना थके देखने का बहाना है
उसे बातों में उलझनें का सस्ता तरीका है

Friday 27 January 2023

Thursday 26 January 2023

इस कमजोर विद्यार्थी को भी..

वो मेरी 2 की पहाड़ा है
मैं उसका 17 का पहाड़ा हूँ
उसे याद दिलाना पड़ता है मैं तुम्हारा हूँ..
वो कहती है बहुत याद करती हूँ याद नही होते हो.

इस कमजोर विद्यार्थी को भी..
💐वसंत पंचमी की शुभकामनाएं💐

Monday 23 January 2023

मर्द

असली पुरुष वही हैं, जो हर स्त्री का सम्मान करे ...
न कि सिर्फ अपनी पसंदीदा स्त्री का।।

Sunday 22 January 2023

झूठी दुनियाँ के बीच में
मुझे वो पगली पसंद है 
मुस्कराती रहती है हमेशा
मुझे उसकी नाराजगी पसंद है
थोड़ी सी नाज़ुक है वो
फिर भी मुझे वो पगली पसंद है

Friday 20 January 2023

अब वो इश्क में भी
कानून का पाठ पढ़ाती है
जब भी मिलने जाता हूँ
एक मिनट के देरी पर..

पहले दाहिने सज 
फिर 1,2,1..कह कर कदमताल कराती है
उसके बाद ही बात आगे बढ़ती है

Wednesday 11 January 2023

Friday 6 January 2023

किसी को इश्क़ हुआ bpa से
किसी को इश्क़ हुआ bpa में
किसी का इश्क टूटता bpa से
किसी का इश्क़ टूटता bpa में

अरे मुझे तो इश्क़ हुआ तुम्ही से
और हम तो इश्क़ में टूटे तुम्ही से

Saturday 31 December 2022

आख़री खत

उसे लिखी हुई सारी चिठ्ठी सँभाल कर रखा है
उसी में कहीं सारी मोहब्बत छुपा रखा है

आज आखरी ख़त है उसके नाम
ऊपर लिखा है नाम  उसका

प्रियतम भाग्यश्री लक्ष्मी



नीचे लिखा है
मैं सिर्फ़ तुम्हारा

Friday 30 December 2022

जब उसने मेरी तरफ देखी

काजल में गुस्सा
आँखों में बादल
गालों पर समुंदर
चेहरे पर लाली
होठों पर खामोशी
बालों में नफरत 
मांग में सपना
गले मे शब्द
हृदय में मोहब्बत
हाथों में छड़ी
मेंहदी में नाम
पाँव में रुनझुन
पैर में ठहराव
चूड़ी में थकान
आँचल में छाँव
बाहों में इंतज़ार
..
और अंत में

मैं घुटना टेके हुए सामने
बिन बादल बरसात में भीगें

जाते जाते

पगली कुछ भी नही समझती है
बस जीने का दूसरा नाम मोहब्बत कहती है

Wednesday 14 December 2022

थोड़ी सी गोरी है
आंखों में काजल है ज्यादा 
पर दिल रखती है पत्थर का

थोड़ी सी खुश रहती है
हँसती है उससे ज्यादा
पर देख कर मुँह फूलती है

खाती है कम
शरीर मे ताकत है उससे भी कम
पर पांव दबवाती है मुझसे ज्यादा

मिलती है कम
देखकर चुप रहती है उससे ज्यादा
पर सपनों में सवाल जवाब करती है ज्यादा

Sunday 11 December 2022

गोरी है कम ..... आँखों में काजल है ज्यादा

गुस्सा है ज्यादा
वजन है कम
लग गई ठंड

दौड़ती है ज्यादा
खाती है कम

बोलती है ज्यादा
सुनती है कम

बेहोश होती ज्यादा
होश में रहती कम

बीमार रहती है ज्यादा
ठीक रहती है कम

कुरकुरे खाती है ज्यादा
काजू खाती है कम

दवाई खरीदती है ज्यादा
पर खाती है  कम

नखरा करती ज्यादा
नाराज होती कम

और अंत में

गोरी है कम
आँखों में काजल है ज्यादा

Friday 9 December 2022

वो और भी खूबसूरत होते जा रही ...

वो नाराज़ हो होकर 
और भी खूबसूरत होते जा रही 

और मैं इतंज़ार में
धीरे धीरे और भी उसका होते जा रहा

वो होठों से कहती नही
और मैं सुनने को बेकरार होते जा रहा

उसे कुछ कहना है
कह के कुछ सुनना है

सुनकर हमेशा उसका सुनना है

उसकी हाथों  को थाम कर
कुछ कदम साथ चलना है

उस पर मेरा भरोसा है
उसका भरोसा उम्र भर निभाना है

आज उस से मिलकर
हमेशा के लिए उसका हो जाना है

Sunday 6 November 2022

379 कहानी की अगली कड़ी

379 की आज की कहनी

 जिस रूम में वे रह रहे हैं वह पूर्णरूपेण वातानुकूलित A/C रूम है..उसका तापमान 21℃ है, जिसके कारण इस मौसम में उनका तबीयत खराब हो गया है.. सर्दी, खाँसी.. जुखाम..आवाज फस गया है ...
मैंने कहा temp. ज्यादा कर लीजिए..30 के आसपास..

वे बोले temp. कम ज्यादा करने नही आता है 😂😂
सुझाव दिए  किसी से कह कर temp ठीक करा लें.....
वो बोले हैं.. सबको पता चल जायेगा.. कि उनको temp. भी कम ज्यादा करने नही आता है
बेचारा .. इज्ज़त बचने के लिए ठंड में जीवन गुजार रहे हैं...

379 कहानी की अगली कड़ी


आज का घटना..

आज मेरे रूम 379 आयें बोले कुछ खाना है.. कहते कहते वो धीरे से गोदरेज की तरफ गये और शनैः से गोदरेज का गेट खोलते हैं... और अपना पूरा शिर इस तरह से रैक के नीचे करते हैं जैसे कोई नया ग्रह का खोज करने वाले हैं... और रैक से अपना शिर निकालते हुए अपने डमरू जैसे चेहरा बनाते हुए मुझे देखते हैं.. बोले इसमें खाने का सामना तो सिर्फ किशमिश है.. और अपना पूरा मुठ्ठी भर किशमिश ले कर हँसते हुए निकल गए...और पहला निवाला किशमिश खाते हुए.. कहते हैं.. .. ई तो पूरे कच कच बालू जैसे लगे हो.. और पूरा मुठ्ठी भरा किशमिश बाहर फेंक दिए...
 ...     और बोले ...क्या और कैसा खरीद लिया पूरा बालू जैसे करता है...
मैं ये सारी घटनाक्रम देखकर🤣🤣😂😂 हंसने लगा..☺️
...मतलब मैं सारा मामला समझ चुका था..*मतलब वो मुनक्का को किशमिश समझ कर खा गए हैं..* अच्छा नही लगने पर सब फ़ेक चुके थे...
   
और अंत में
पता नही आगे 379 क्या करेंगे... 🙄

Saturday 5 November 2022

वे असल मे कब मुस्कुराते है

ये जो
हर बात पर
हर किसी से
मुस्कुराकर बात कर लेते हैं
कोई बताये
वे असल मे कब मुस्कुराते हैं

Friday 28 October 2022

मेरे कमरे में

मेरे कमरे में
मैं हूँ, कुछ किताबें और उसकी यादें हैं
मिठाई, कुछ बिस्कुट, और कुरकुरे हैं
आँशु, कुछ सिसकियां और मजबूरियां हैं

और अंत में

कुछ मेरी, कुछ उसकी, और हम दोनों की कहानी है..
आप सबों को सुननी है..उसकी जुबानी है

Tuesday 25 October 2022

वो दीपावली की अगली सुबह की तरह है

वो दीपावली की अगली सुबह की तरह है
फिर से रोज की तरह घर,आँगन सँवारेगी

वो दीपावली की अगली दोपहर की तरह है
फिर से सारा पिछला हिसाब कर बात सुनाएगी

वो दीपावली की अगली शाम की तरह है
फिर से तिनका तिनका जमा कर घर सजायेगी

वो दीपावली की अगली रात की तरह है
फिर से सारी रात ख़ामोशी से गुजारेगी

और अंत में

वो मेरी ज़िन्दगी के अमावस्या की पूर्ण चाँद की चाँदनी है
उसके बिना क्या पर्व त्योहार सब फीका है

ऐ BPA यहाँ से जाने के बाद.....तेरा किस्सा अलग से लिखूँगा

ऐ BPA यहाँ से जाने के बाद
तेरा किस्सा अलग से लिखूँगा

सर पर तेज धूप है, हाथों में झाड़ू है
साफ़ सड़कों पर भी झाड़ू लगता हूँ
यहाँ सम्मान कम है, सैलरी उससे भी कम है

ऐ BPA यहाँ से जाने के बाद
तेरा किस्सा अलग से लिखूँगा

छुट्टी है उसमें भी ड्यूटी है
ये पर्व त्यौहार छुट्टी में क्यों चले आते हो
तू पैतृक और गृह जिले में अन्तर कर जाते हो

ऐ BPA यहाँ से जाने के बाद
तेरा किस्सा अलग से लिखूँगा

यहाँ से जाने के बाद
तेरी हर बुराई के बदले अच्छाई बताऊंगा
तुझसे मिलने की तम्मना का गाना गुनगुना कर सुनाऊंगा

ऐ BPA यहाँ से जाने के बाद
तेरा किस्सा अलग से लिखूँगा

और अंत में

यहाँ कोई ऐसा नही
जिस पर भरोसा हो

Monday 24 October 2022

एक दीया मैंने भी जलाई है..मोतिहारी

एक दीया मैंने भी जलाई है.. जिसमें उम्मीदों का बाती है.. जो तेल/तिल से नही बल्कि हमारी विश्वासों से जलता है....इस दीये की लो..हमारी आशा और भरोसा है.. जिसके कारण दुःख से सुख की ओर.. निराश से आशा की ओर.. और अंधेरे से उज्जाले की ओर ले जाता है...
जिंदगी में अभी भी बहुत अच्छा होना बाँकी है.. इसलिए भी ये दीये की छोटी लो होने के बाद भी पूरी रात सान से जलेगा..
      ये दीया तेज हवा, सीत,कुहासे,..आधुनिक प्रकाश के बीच सारी रात डट कर लड़ते, सबरते..खुद को बुझनें से बचायेगा...ये हमे बुरे वक्तों से लड़ना सिखाती है...दीये की लो..हमें हिम्मत, साहस, खुद पर भरोसा करना सिखाती है.. कभी भी आखिरी क्षण तक आपना कर्म करना भी सिखाती है...

और अंत में

आप अपने हाथों से एक दीया जरूर जला कर अपनी चौखट,आँगन ..अपनी देहरी पर जरूर रखियेगा.... ये हमे घर,आँगन, अपनो का एहसास भी कराती है..

शायद लिखनें में देरी हो गई है.. माफ़ी चाहता हूँ..

आपको और आपके परिवार को दीपावली की बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं..

💐💐💐💐💐💐💐

Monday 17 October 2022

मेरी दवा

इस अजनबी शहर में जब बीमार पड़े
डॉक्टर साहब पर्ची पर लिखे
सबसे पहले अपनो से मिल आओ..


मैं उस डॉक्टर साहब का नियमित मरीज बन गया 

जिसने पर्ची पर दवा में उससे मिलना लिखा है

Sunday 16 October 2022

समझदारी v/s मोहब्बत

नाराज़गी भी उसी से है
नज़रे भी उसी पर अटकी है

शिकायत भी उसी से है
सनम भी मेरा वही है

हजार कसमे हैं उनसे न मिलूं
हर वक़्त इंतज़ार भी उन्हीं का है

थक कर हर रोज सो जाता हूँ
वो मेरे अंदर रात भर जागती है

और अंत में

सारी समझदारी एक तरफ
उनसे मोहब्बत एक तरफ

Saturday 8 October 2022

घर वापसी

जो 2 दिन के PL दे सकते नही हैं
वो 10 दिन के छुट्टी पर भेजें हैं

जिला वापस तो भेज सकते हैं
पर  वापस बुला सकते नही

जो ट्रेनिंग मीन्स टाइम कहते थे
वो कुछ के लिए pop में सिटी बजाते हैं

जो संडे आउट पास देने से कतराते थे
अब इधर हर समय खुली हवा में घूमते रहते हैं

उधर 9:30 सुबह से 8:00 रात तक क्लास करते
अब इधर इतने समय मे चादर तान कर सोते हैं

उधर छुप छुप कर छत पर बाते करते थे
इधर दोस्तों को खोज खोज कर बात करते हैं

मेस का खराब खाना से तंग आकर
अब इधर ही तंदूरी रोटी तोड़ते हैं

उधर रिपोर्ट हो जाएगा से डरते थे
इधर रिपोर्ट किस पर करूँ उसको  ढूंढते हैं

उधर पगली के साथ घूमता था
इधर खुद ही पागल बन घूमता हूँ

और अंत में

इतनी आज़ादी में भी पिंजड़े से ही मोहब्बत कर बैठा हूँ
Bpa वापस जाने की अब बहुत जल्दबाजी है

Friday 7 October 2022

वो लड़की याद आती है....

ये दुनिया प्यार के किस्से मुझे जब भी सुनाती है... 
वो लड़की याद आती है.....

कभी खुशबू भरे खत को सिरहाने रखकर सोती थी,
कभी यादों के बिस्तर से लिपटकर खूब रोती थी 
कभी आंचल भिगोती थी, कभी तकिया भिगोती थी..2 
ये उसकी सादगी है जो हमें अब भी रुलाती है 
वो लड़की याद आती है.........

चली आती थी मिलने के लिए, 
हील-ए-बहाने से गुजरती थी 
क़यामत दिल पे उसके लौट जाने से. 
मुझे बेहद सुकून मिलता था उसके मुस्कुराने से 
उतरकर चांदनी जिस वक्त छत पर मुस्कुराती है.. 
वो लड़की याद आती है.....

वो मेरा नाम गीतों के बहाने गुनगुनाती थी 
मैं रोता था तो वो भी आंसुओं में डूब जाती थी 
मैं हँसता था तो वो भी मुस्कुराती थी
अभी तक याद उसी की प्यार के वो गीत लुटाती है 
वो लड़की याद आती है.....

जहा मिलते थे दोनों वो ठिकाना याद आता है 
वफ़ा का दिल का चाहत का फ़साना याद आता है 
उसका ख्वाब में आकर सताना याद आता है 
वो नाजुक नरम उंगली अब भी मुझको गुदगुदाती है 
वो लड़की याद आती है.....

याद का सावन किताबो को भिगोता है 
अकेले में ये मुझको महसूस होता है

लड़की याद आती है …..

मैं अपने ज़िन्दगी का

मैं तकलीफ़ और मायूसी लिखता हूँ
और वे कहतें हैं मैं अच्छा लिखता हूँ

मैं उथल पुथल लिखता हूँ
वो इसे रोमांचित कहानी कहती है

मैं पीड़ा लिखता हूँ
वो इसे खूबसूरत एहसास कहती है

मैं दर्द लिखता हूँ
वो इसे जिंदगी का तजुर्बा कहती है

मैं थकान लिखता हूँ
वो इसे कठोर परिश्रम कहती है

मैं परेशानी लिखता हूँ
वो इसे न भूलने वाली  सबक कहती है

मैं मुसीबत लिखता हूँ
वो इसे ज़िन्दगी जीने का प्रशिक्षण कहती है

और अंत में

मैं मिलना लिखता हूँ
वो इसे सब्र और इंतज़ार कहती है

Waiting to bpa

Wednesday 5 October 2022

भीड़ का नया कारण/प्रकार भी..

दुर्गा पूजा मोतिहारी ..
मेरा यहाँ अभी भीड़ और जाम है..

65 वर्षीय दंपत्ति मंदिर के मुख्य द्वार पर किसी बात को लेकर मतभेद हो गया है...65 वर्षीय नायिका नायक को धमकी दे रही है.. कभी कभी बीच मे आँख और ऑंगली भी दिखा रही है...
यह सब देख भीड़ चारो ओर से घेर लिया है.. हटने का नाम ही नही ले रहा है.. मेरी आवाज dj/साउंड की आवाज के कारण किसी को शायद सुनाई नही दे रहा है...
बेचारा नायक इस उम्र में भी चुपचाप है सिर्फ नायिका की बात सुन रहा है.. और डांट भी...
नायक सिर्फ इतना कह पा रहा है चलो घर.. अपनी बाईक पर बैठने  की ओर इसारा कर रहा है... नायिका बस इतना कहती है.. तुम्हारे साथ नही जायेगें... और कह रही है तुमको छोड़ेंगे नही..

नायक बार बार यही कह रहा है घर चलो.. नायिका उसके साथ जाने का नाम नही ले रही है... बस उसे डांटे जा रही है...
यह सब देखकर.. भीड़ बढ़ते जा रहा है...
और अंत में..
नायक बुझे मन से बाइक से अकेले लगता है घर चला गया है....नायिका बगल होकर किसी को कॉल कर रही है.. गुस्से से
आगे क्या..
भीड़ स्वभाविक रूप से अब खत्म हो गया है..

Tuesday 4 October 2022

Monday 3 October 2022

कर्तव्य और जिम्मेदारी के बीच सब्र और इंतज़ार

परदेश में भी तुझे याद करता हूँ
हर चहरे में तुझे ढूंढने का कोशिश करता हूँ..

व्यस्तता तो बहुत बढ़ गई है नये शहर में
फिर भी हर पल में तुझे याद करता हूँ

वादा तो था इस दशहरा अपनी दुर्गा के साथ देखूंगा
परंतु बहरूपिया महिषासुर को रोकने की जिम्मेदारी आ मिली है

जितना दूर रहता हूँ उतनी मोहब्बत होती है तुझसे
जितनी मोहब्बत होती है तुझसे उतनी जिम्मेदारी समझ आती है मुझमें

और अंत में

तेरे बिना ये शहर सुनसान लगता है
पूरा भरा शहर कब्रिस्तान  लगता है

Saturday 1 October 2022

ज़िन्दगी और कुछ भी नही, तेरी मेरी कहानी है

मैं बेवकूफ हूँ, वो मेरी दिमाग़ है
मैं शिर दर्द हूँ, वो एस्पिरिन है
मैं फ्रेक्चर हूँ, वो क्रेक बैंडेज है
मैं मोच हूँ, वो आयोडेक्स है
मैं बुख़ार हूँ, वो पैरासिटामोल है
मैं वे वक़्त हूँ, वो हर वक़्त है
मैं मुसीबत हूँ, वो समाधान है
मैं बीमार हूँ, वो इलाज़ है

और अंत में

ज़िन्दगी और  कुछ भी नही, तेरी मेरी कहानी है

 और एक बात

अगर पुनर्जन्म होता है तो अगले जन्म में भी तुम्हारे सुख-दुःख का साथी बनना मेरी पहली और आख़री ख्वाहिश होगी..!

Wednesday 14 September 2022

अंग्रेजी को भी हिंदी दिवस की शुभकामनाएं

वो अंग्रेजी में ग़ुस्सा करती है
      डांट देती है हिन्दी में...
वो आँख दिखती है अंग्रेजी में
      मुझे महसूस करती है हिंदी में...
वो मुझसे नाराज़ रहती है अंग्रेजी में
      मुझे मनाना पड़ता है हिंदी में...
वो मुझे अंग्रेजी सीखाने के चक्कर में
      बोलती है हर बात मुझसे हिंदी में..

और अंत में

मैं  अ आ इ ई उ कहता हूँ
वो  abcde समझती है
मैं हाँ कहता हूँ वो Nhi समझती है

जाते जाते

वो मेरी बात पर हाँ कहने के बदले
नही को भी Nhi लिख देती हैं

इस हिंग्लिश वाली मोहतरमा को भी

हिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।


Saturday 27 August 2022

ख़्वाब

ख़्वाब कहाँ सपनों में भी मुक़म्मल होता है..!

जिम्मेदारी तले दबे होने से नींद भी ठीक से नही आती है..!

Thursday 11 August 2022

दोस्त

जो आने वाली समस्याओं से आगाह करता हो
जो मेरी बुराइयों को मुझे बता कर दूर करता हो
जो मेरी हर अनकही बातों को समझा करता हो
जो मेरे न रहने पर वही कार्य करता हो जो मैं करना चाहत हूँ
जो मेरे चहरे देख कर मेरा हाल कह दे
जो मेरी समस्या को देख कर, गले लगा कर कहे सब ठीक कर दूँगा
जो मेरे जीवन को विकास पथ पर आगे बढ़ाए

और अंत में

जो दिल में दिमाग़ नही रखता हो

Sunday 31 July 2022

क्या इश्क से बचकर भागनें वाले बेवफ़ा नही होता

क्या गलतफहमी में रहने का सदमा कुछ नही होता
वो तो सब कुछ जानती थी समझा तो सकती थी
क्या इश्क से बचकर भागनें वाले बेवफ़ा नही होता..
इश्क में पड़ जाने में भी बंदे का बचता कुछ नही

पूरे सावन भी पतझड़ लगता है

महादेव से सावन में सिर्फ इतनी सी विनती है

सावन में भी कोई अपनों से नाराज़ ना हो..
इस सावन कोई अपनों से नही रूठे..

नही तो पूरे सावन भी पतझड़ लगता है

Saturday 30 July 2022

जब से दिल में दर्द तेज हुआ है

जब से दिल में दर्द तेज हुआ है
तब से उसकी याद तेज हुआ है
कोई ख़बर दो उनको..
         रुक जाओ यार..
उसकी क़दमो की आहट से
फिर से दिल में दर्द तेज हुआ है
कोई दौड़ के जाओ उसके पास
और कह दो...थोड़ा आहिस्ता चले
उसकी क़दमो की आहट को दूर से पहचान लेते हैं
लगता है फिर से दिल मे दर्द तेज हुआ है
आहिस्ता आहिस्ता मेरे करीब आ रही है
...

Friday 29 July 2022

BPA ड्राइविंग उस्ताद के द्वारा ज़िन्दगी जीने का सीख

गाड़ी पहली बार चलाना शुरू करें तो....
अगर जाना विपरीत दिशा में क्यों न हो..पहले बैक गियर नही लगाएंगे..सबसे पहले वह गियर लगाते हैं जो गाड़ी को आगे बढ़ाये..चाहे शुई का एक नोक इतना आगे क्यों न चले..उसके बाद ही बैक गियर लगायेगें...

फिर समझाते हैं

वक़्त को पीछे मत मोड़िये.. समय/घड़ी की कुदरती गुण है आगे बढ़ना..इसलिए मनुष्य को हमेशा आगे बढ़ते रहना चाहिए.. प्राकृति के विरुद्ध नही चलना चाहिए।...अतः ज़िन्दगी की गाड़ी को हमेशा आगे ही बढ़ाते हैं..
बोलते बोलते उस्ताद हँसने लगे..और कहें समझे कि नही समझे..
और हम सब चुपचाप सुन रहे थे..

और अंत में

कोई कोई आदमी छोटी से बात पर बड़ी सीख दे जाते हैं

जाते जाते

जय हिंद सर

जो मेरे दिल मे बसती है उसकी बस्ती

हम जिस बस्ती में हैं
उस में हम बसते नही
जो हमारे अंदर बसते हैं
उसमें हम बसते नही
बसना है मुझे 
उसके साथ बस्ती में
जो बसती है मेरे अंदर

और अंत में

बहुत दूर है वो बस्ती
जहाँ वो बसती है
वहाँ जाने में कई बार बसता हूँ
जो मेरे दिल मे बसती है उसकी बस्ती

Thursday 28 July 2022

हाँ मीरा मैं भी हूँ तुम्हारी तरह

गुज़रता हूँ मैं भी, मीरा तुम्हारी तरह
सफ़र में मैं भी, पर पूरा नही होता
आधा हूँ मैं भी, मीरा तुम्हारी तरह
डगर पर मैं भी, पर ठहरा नही होता
दुनियाँ वाले क्या जाने इकतारे की पुकार
घर में रहता हूँ पर ख़ुद में नही रहता तुम्हारी तरह
आधा हूँ मैं भी पूरे की तलाश में तुम्हारी तरह
नींद में,होश में, बेहोश में, हाँ मीरा मैं भी हूँ तुम्हारी तरह

Wednesday 27 July 2022

दुनियाँ में 3 ही तरह के रिश्ते/लोग अपनें होते हैं

दुनियाँ में 3 ही तरह के रिश्ते/लोग अपनें होते हैं
1. माँ और पिता जी
2. भाई और बहन
3. पत्नी/पति और बच्चे
बाँकी सब टांग खींचने वाले..बोले तो..मौके का फायदा उठानें वाले
यही सत्य है चुपचाप मान लीजिए..

Friday 22 July 2022

वो कहती है,धीरे चलते हो

वो कहती है,धीरे चलते हो
मैंने कहा
उम्र भर साथ चलने का वादा करिए तो
कदम से कदम मिलाकर चलूँगा,न आगे न पीछे,
हाथ मजबूती से नही बल्कि सलीके से पकरूँगा
सुनसान रास्ते पर अपनापन लगेगा,राहे कितनी भी मुश्किल क्यों न आसान लगेगा,तेरा मेरे साथ होने से ही जिन्दगी आसान लगेगा...ज़िन्दगी के राहों में कभी भी अकेला नही छोड़ूंगा..
और अंत में
मैं धीरे धीरे इसलिए चलता हूँ कि जिंदगी के कुछ पल तुम्हारे साथ जी सकूँ..!

Saturday 16 July 2022

बुलाती है तेरी बाँहों का सहारा

ये कागज़, पत्ता, नदी का किनारा
ये खिड़की, हवा,धूप का साया
ये आँखे, हंसी, जुल्फों का साया
बुलाती है तेरी बाँहों का सहारा

ये बूंदे, सबनम,खेतों का किनारा
ये बादल, बारिस,पानी की धारा
ये होंठों, बिंदी, आँचल का साया 
बुलाती है तेरी बाँहों का सहारा

ये राहे, नदियां, उसी का किनारा
ये यादें, बातें, आँशु का धारा
ये पायल,झुमके,नजरों का साया
बुलाती है तेरी बाँहों का सहारा

Thursday 14 July 2022

जो मैं हूँ.....जो मैं नही हूँ

खुद ही जोकर बन
यहाँ सब को हँसाए हैं

और क्या बतायें

खुद ही रोये हैं
खुद ही चुप हुए हैं

सच होकर भी
खुद को गलत साबित किये हैं

और क्या

सब के लिए मैं हूँ
मेरे लिए मैं खुद भी नही हूँ

उसको ढूढ़ते ढूढ़ते 
खुद से दूर हुआ हूँ

उसको बचाते बचाते
खुद को ही जलाएं हैं

और क्या लिखूं..

जो मैं हूँ
जो मैं नही हूँ

शिव ही नही सावित्री भी पूजा जाए

समुद्र से गहरा, 
                        स्त्री का समझ
आँख से गहरा 
                       स्त्री का नज़र
बादल से गहरा, 
                       स्त्री का बात
आँगन से गहरा,
                       स्त्री का आँचल
कब्र से गहरा, 
                        स्त्री का सब्र
और अंत में
    
      सावन के पहले दिन पर भारी
      स्त्री के अंतर्मन की बारिस

जाते जाते

शिव ही नही सावित्री भी पूजा जाए

श्रावण मास की हार्दिक शुभकामनाएं

Tuesday 12 July 2022

ये काली रात ज़रा...आहिस्ते से गुजरना..

ये काली रात ज़रा...आहिस्ते से गुजरना..
कोई अपना है ...जो सो रहा है
एक ज़रा सा ख्वाहिश है मेरी
सूरज को कल देरी से उगने देना...
उसे सुबह उठने में देरी होगी..

Saturday 9 July 2022

सब कुछ अपनें हिस्से रखती है

ना नींद बाँटती है
ना बातें बाँटती है
ना ख्वाब बाँटती है
सब कुछ अपनें हिस्से रखती है

ना दर्द बाँटती है
ना कहानी बाँटती है
ना फटे हुए एड़ी की छाप बाँटती है
सब कुछ अपनें हिस्से रखती है

ना दिन बाँटती है
ना रात बाँटती है
ना मेहनत का थका हुआ हिस्सा बाँटती है
सब कुछ अपनें हिस्से रखती है

ना सुखी हुई रोटी बाँटती है
ना घटा हुआ सामान बाँटती है
ना फटे हुए कपड़े की हिस्से बाँटती है
सब कुछ अपनें हिस्से रखती है

मैं देखता हूँ
मैं तड़पता हूँ
मैं रोता हूँ
मैं इंतज़ार करता हूँ
फिर भी
सब कुछ अपनें हिस्से रखती है

Tuesday 5 July 2022

नमस्ते यशपाल, सप्रेम हरिस्मरण !

नमस्ते यशपाल, 
सप्रेम हरिस्मरण !

अपना जन्म किसी को याद नही रहता है, पर इतना तो सच है, आपनें जो नये जीवन की शुरुआत की है वह पुनर्जन्म हुआ है आपका और मैं स्वागत् करता हूँ इस नए जीवन पथ पर, आपके  साथ हाथ पकड़ के चलने वाली हर सुख दुःख की जो संगिनी है,उसके साथ सुनसान रास्ते पर अपनापन लगेगा, हर सपना सच लगेगा, हर ख्वाहिश पूरी होगी, दिल और मन की हर मुराद पूरी होगी.... बस अपनी सीता जैसी धर्मपत्नी का हाथ पकड़े रहियेगा.., आपकी हर इच्छा की पूर्ति होगी...हर मुसीबत से लड़ने की शक्ति मिलेगी...,। मैं भगवान से दुआ माँगा हूँ... की आपको सात जन्म नही चाहिए जीने के लिए बस इसी जन्म में सातो जन्म के बदले सारा जीवन दे दे और इसी जन्म में सारा प्यार देदे जो आप दोनों के बीच सदा बना रहे... बाँट बाँट कर ना तो जीवन ना ही प्यार देना... सब कुछ इसी जन्म में दे देना भगवान!

धागा है ये प्रेम का जीवन का विश्वास, 
एक दूसरे में घुलें प्राण बसे ज्यों साँस ! 

सुखी दाम्पत्य जीवन के लिए ...
 हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं ....!!

छोटी बहन को खुला पत्र

चिरायु छोटी बहना
स्नेहशील आशीर्वाद
बहुत मुश्किल हो रहा है कुछ भी लिखने में फिर भी वादे के अनुसार लिख रहा हूँ..सच कहूँ तो
मन मे ख़ुशी है चहरे पर गम की परछाई है..
भारी मन से तेरी डोली को कंधे पर रखने की तैयारी में हूँ
मुझे बचपन का कुछ घटना धुंधली सी याद है
मन ही मन याद कर रहा था की एक जमाना था जब घर में लुड्डो भी खेलनें देना दूर के बात छूनें भी नही देते थे। बहुत मुस्किल से जब खिलाड़ी घट जाता तब एक, दो चान्स मिलता था... सच कहूं तो तुमसे अच्छा कोई नही खेलता था.. छु-ती-ती-ती, चोर-सिपाही, क्रोस- ज़ीरो, कैरम बोर्ड.. बैटमिंटन... यदि सब वाला खेल में मौका मिलते...तुम अच्छी खेलती थी यह भी याद है..

मैं घर में अलग ही कारनामों के लिए चर्चित था पर तुम छोटी ..गलती से भी किसी कुत्ते पर भी पत्थर उठा कर नही फेकी होगी।कभी भी गुस्से से गिलास भी उठा कर नही पटकी होगी। हाँ अगर गुस्सा ज्यादा आने पर देर तक खाना बनाने के साथ एक दो रोटी जरूर ज्यादा बना देती थी...मुझे सारी बात अच्छी से याद है...

अपने परवरिस और परिस्थितियों के विपरीत भी बहुत मेहनत और पढ़ाई की है जिसपर मुझे गर्व है...

जैसे जैसे तुम्हारी विदाई का वक़्त नजदीक आ रहा है वैसे वैसे ..पुरानी बातें याद करता हूँ तो ...तुम्हारी हर बात मुझे सही लग रहा है... और एक बात कहूँ... मेरे सफलता में और जीवन मे तुम्हारी बहुत योगदान है.. मैं ऋणी हूँ बहन तुम्हारी..जब याद करना मैं हमेशा तुम्हारे साथ खड़ा मिलूँगा...

आज मैं संकल्प लेता हूँ की तुम्हारी स्वतंत्रता, आज़ादी, पसंद, नापसंद, तुम्हारी हर इच्छा को सर्वोपरि स्थान दूँगा। तुम्हारी विकासपथ पर कभी भी धर्म, समाज का रीति रिवाज, प्रथा का आँच नही आनें दूँगा..जब भी बुलाओगी मैं हर परिस्थिति में तुम्हारे लिए जरूर आ जाऊँगा... ये अटल प्रतिज्ञा है मेरी....
जो गलतियाँ हो गई तो हो गई अब अपने बराबर तुझको भी अधिकार दूँगा ही नही बल्कि किसी तरह का अंतर या भेदभाव नही करूँगा।

और अंत में
ऐ छोटी तुम्हारे जाने के बाद तुम भी जानती है मेरा मन नही लगेगा..जब मेरा मन करेगा बिना बोले तुमसे मिलने आ जाऊंगा..मन मत करना कि पहले मोबाइल से कॉल क्यों नही किये...
और है एक बात ..घर मे जितना तुम्हारा सामान है सब उसी तरह रहेगा..साथ ही तुम्हारा रूम भी ..जब दिल करे आ जाना..सब कुछ वैसे ही मिलेगा..जैसे तुम छोड़ गई होगी...

जाते जाते...
तुम्हारी याद हम सभी को बहुत आयेगी...बहुत मुश्किल हो रहा...तुम्हारे बिना यहां कैसे सुबह होगा...पगली की तरह हर किसी का बात मानती थी..हर बात पर हाँ कह देना की मैं कर लूँगी...बाबूजी और माँ का ख्याल तुम से ज्यादा कोई नही रख पायेगा... ये तुम भी जानती हो...
फिर मैं कोशिश करूंगा..

आगे क्या लिखूं.. अब हिम्मत नही   हो रही है..
अपना ख्याल रखना छोटी..
                              तुम्हारा बेवकूफ भाई
                            जिसे कुछ नही आता है

Saturday 2 July 2022

सीने में एक पगली सी लड़की रहती है

बात करते हैं तो झगड़ती है न करू तो लड़ती है

मिलते हैं तो बात सुनाती है न मिलूँ तो मुंह फुलाती है

देखूं तो आँख दिखती है न देखूं तो ढूंढती है

खुशी में उपवास रखती है नाराज होकर भूखे रहती है

दूर रहूँ तो हक जताती है पास रहूँ तो नखरे दिखाती है

सीने में एक पगली सी लड़की रहती है। जब भी याद आते हैं तो गले लिपट कर रोती है..और  चुपके से मेरे अंदर छुप कर भी रहती है...
सच कहूँ तो ये पगली ही मेरी पूरी दुनियां है..इसके बिना मैं कुछ सोचता भी नही हूँ

Thursday 30 June 2022

धर्मप्रेमिका के साथ नही से हाँ तक का सफ़र

नही से हाँ तक का सफ़र

बिल्कुल नही
नही...नही
ना...ना
नही...हाँ
हाँ...नही
हाँ...न
हाँ...
हाँ... हाँ
सचमुच हाँ
हमेशा हाँ

और अंत में
छोड़ेंगे न हम तेरा साथ ओ साथी मरते दम तक.

Saturday 25 June 2022

12 बरस का वनवास

इस बात से ही खुश रहा करो दोस्त

जिस दुनियाँ वो रहती है न
उसी दुनियाँ में कहीं तुम भी रहते हो..☺️

Friday 24 June 2022

बर्तन धोने की इच्छा

जब किसी को उम्मीद से ज्यादा खूबसूरत पत्नी, मिल जाए न
तो पुरूष के अंदर अपने आप, बर्तन धोनें की इच्छा जग जाती है

Wednesday 22 June 2022

ज़िन्दगी के रिश्तों में लड़की का होना आवश्यक है

🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
ज़िन्दगी के रिश्तों में लड़की (मां, बहन, बेटी, दोस्त,धर्मप्रेमिका, पत्नी..) का होना बहुत जरूरी है..क्योंकि ये सभी हमे...
 
...जीना भी सिखाती है
...अपनोंपन का एहसास दिलाती है
...विपरीत परिस्थितियों में हिम्मत देती है
...समस्याओं को साझा करना सिखाती है
...खुद आधा पेट खा कर,अपनों का पेट भर खाना खिलाना सिखाती है
...एक रोटी खा कर, कैसे जीया जाता है.. ये भी सिखाती है
...अपनों का पल-पल कैसे ख्याल रखा जाता है, ये भी सिखाती है
...खुद पर भरोसा करना सिखाती है
...मर्यादा में रह कर हर तकलीफें की दीवारें तोड़ना सिखाती है..
...बिना बोले,बिना रुके हर काम करना भी सिखाती है...

और अंत में

..हर मुश्किल में हँस कर कर्तव्य पथ पर चलना भी सिखाती है।


समर्पित सभी psi वीरांगनायें...!

सभी को हृदय के अंतिम गहराई से सिर ऊँचा कर सलाम करता हूँ
🫡
जय हिंद मैडम सर

Sunday 19 June 2022

तुम्हें तो खुद से भी प्यार करना है

किसी को खोजते खोजते 
इतने दूर मत चले जाना
जहाँ खुद को ही खो देना

अरे रुक पगले.....

तुम्हें तो खुद से भी प्यार करना है

मेरे पिताजी बस इतना ही कहते हैं..

कभी भी हिम्मत नही हारना
कितनी भी विपरीत परिस्थिति क्यों ना हो
कभी भी घबराना नही
कभी भी ऐसा काम नही करना
जिस से गर्दन झुकाना परे
कभी भी किसी के सामने घुटना नही टेकना
हमेशा ईमानदारी के साथ जीना
अपनों का साथ कभी भी नही छोड़ना
अपना कोई रूठे तो तुरंत झुक के मना लेना
हमेशा मजबूत विशाल और छायादार पेड़ बनकर खड़ा रहना
ताकि सभी को छांव मिल सके
हमेशा अपने आत्मसम्मान के साथ जीना
हमेशा चरित्रवान बनना और दाग मत लगने देना

और अंत में
मेरे पिताजी मेरा गुरुर हैं
मेरे पिताजी मेरा भरोसा हैं
मेरे पिताजी मेरे रियल हीरो हैं
🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻

Friday 17 June 2022

सफलता और असफलता

किसी भी परीक्षा में सफलता और असफलता मेरे लिए महत्वपूर्ण नही है....

मैं सिर्फ ज़िन्दगी की परीक्षा में सफल होना चाहता हूँ....
मेरे लिए सिर्फ और सिर्फ यही महत्वपूर्ण है...

Wednesday 15 June 2022

बेवफाओं से बिछड़ कर, 
अबकी बार रोया जो बारिस में
आग लगा दूँगा, उनकी आँखों में...

धर्मप्रेमिका

कभी इश्क किये हैं ?
         नही
क्यों ?
         दर्द बर्दाश्त नही होता

जुल्फों का छांव

बाहर बहुत धूप  है
क्या थोड़ी देर..
जुल्फों का छांव मिलेगा..
#छोटू_जी
मैं लगभग हर परीक्षा पास किया हूँ
बस प्यार का परीक्षा में हर बार असफल रहा हूँ

Tuesday 14 June 2022

तुमसे मिलकर ना जाने क्यों...

तुमसे मिलकर ना जाने क्यों
और भी कुछ याद आता हैं..
याद आता हैं

उस मोड़ से भी हम गुजरे है
जिस मोड़ पे सब लुट जाता है..
लुट जाता हैं

तुमसे मिलकर ना जाने क्यों...

एक तेरे बिना इस दुनिया की
हर चीज अधूरी लगती है
तुम पास हो कितने पास मगर
नजदीकी भी दुरी लगाती है

तुमसे मिलकर ना जाने क्यों
और भी कुछ याद आता हैं..
याद आता हैं

चित्रपट: प्यार झुकता नहीं (year-1985)
गायक:  Lata Mangeshkar, Shabbir Kumar
संगीतकार: लक्समिकान्त प्यारेलाल 
गीतकार: स. ह. बिहारी

सफर तो बहुत छोटा रहा तुम्हारे साथ 
लेकिन यादगार रहेगी उम्र भर के लिए

Monday 13 June 2022

युद्ध और प्रेम

जिन्दगी में दो काम अवश्य करें
एक युद्व दूसरा प्रेम

अगर आप जिंदगी के सारे युद्ध हर जाओगे तो फिर भी दुनियाँ के महानतम योद्धा कहलाओगे
अगर सारे प्रेम के रिश्ते में असफल हो जाते हो तो तब तुम्हें प्रेम का सही अर्थ और महत्व समझ पाओगे
अंत में
युद्ध और प्रेम खूब करें, इस से डरे नही।

Sunday 12 June 2022

हिम्मत की बात अलग है..
दर्द की कहानी अलग से लिखेगें..

Thursday 9 June 2022

प्यार और अधिकार

प्यार तो सब करता है पर अधिकार की बात कोई नही करता है..!!
शादी तो सब करता है पर बराबर का अधिकार कोई नही देता है..!!

Wednesday 1 June 2022

मैं कानूनों का जानकार भी हूँ

मैं कानूनों का जानकार भी हूँ
अबकी बार आप अच्छे से ठीक नही हुए तो.
बीमारी पर इतने धारायें लगाऊंगा कि..
फिर ये बीमारी किसी को बीमार नही करेगा

Monday 30 May 2022

गिरा हुआ पानी

गिरता झड़ना झर झर करता 
बहती नदियां कल कल करती 
पानी का क्या है..वो सब में ढलता 

पानी निश्छल है ,पानी बेरंग है
पानी इज्ज़त है, पानी रंगत हैं
पानी मंजिल है, पानी कहानी है

रुकिए

ठहरा हुआ पानी का आपबीती सुनाता हूँ.
पानी का भूत, वर्तमान, भविष्य सुनाता हूँ

अगले विश्व युद्ध की निशानी है
Pop ग्राउंड की सबकी जुबानी है
सीढ़ी पर पसरा आज की कहानी है
उसके बगल में बैठने में आनाकानी है
यह किसी को नही दिखता 
यह उसकी परेशानी है
एक तरफ गिरा पानी, 
दूसरे तरफ़ खुद को गिराना था
गिरते गिरते उस पर बैठना था
फिर गिरती निगाहों से पानी पानी होना था
गिरते निगाहों/आँखों से पानी भी दिखाना था..
फिर पानी पानी हो उसे दिखाना था..
...
....
और अंत में
धीरे धीरे दिन चढ़ता है
धीरे धीरे पानी सूखता है
धीरे धीरे घुन लगता है
धीरे धीरे बात अनसुना होता है
धीरे धीरे व्यवस्था बिखरता है
धीरे धीरे अविश्वास बढ़ता है
धीरे धीरे आदमी खुद को खोता है
.
.
जाते जाते..
मन मे एक बार ख्याल आया...

एक बार उस पर बैठ कर दिखाते
क्यों नही हम उस पर बैठ पाते 


आज इतनी ही उसकी ख्वाहिश थी

Sunday 29 May 2022

मैं ही बिहार पुलिस अकादमी हूँ

जाति, धर्म, रंग,क्षेत्र रहित
सब का एक पहचान हूँ
मानव कल्याण का नींव का ईंट हूँ
मैं बिहार पुलिस अकादमी हूँ

देश को समर्पित हूँ 
बढ़ते बिहार का प्रतीक हूँ
मैं पुलिस प्रशिक्षण केंद्र हूँ
मैं बिहार पुलिस अकादमी हूँ

वर्दी का मान सम्मान हूँ
अनुशासन का सर्वोच्च प्रतीक हूँ
बदलते बिहार का संकल्प हूँ
मैं बिहार पुलिस अकादमी हूँ

सभी विधा में पारंगत हूँ
कर्त्तव्य पथ पर सदा त्तपर हूँ
बदलते प्रौद्योगिकी में प्रशिक्षित हूँ
मैं बिहार पुलिस अकादमी हूँ

शांतिमय समाज का द्योतक हूँ
सर्वहित न्याय का पहचान हूँ
मातृभूमि के रक्षा में जान निछावर  करूँ
मैं बिहार पुलिस अकादमी हूँ

विकट परिस्थितियों का साथी हूँ
असहायों व मुश्किल वक़्त का विश्वासी हूँ
सभी प्रशिक्षु में मानवीय गुन भरता हूँ
मैं बिहार पुलिस अकादमी हूँ

अमर जवान का जयजयकार हूँ
बिहार पुलिस का शान हूँ
देश का श्रेष्ठ पुलिस प्रशिक्षण संस्थान हूँ
मैं बिहार पुलिस अकादमी हूँ
मैं ही बिहार पुलिस अकादमी हूँ


Thursday 26 May 2022

मोहब्बत और कानून

वह मोहब्बत का क़ानून जनता है वो

कब अपराध करना है जनता है वो

मेरा इश्क भी शाकाहारी है

मेरा इश्क भी शाकाहारी है

न मिल सकते हैं
न देख सकते हैं
न बात कर सकते हैं
न झगड़ सकते हैं
न  दूर से कुछ कह सकते हैं

बस इतना कह सकते हैं कि
मेरा इश्क सादा भोजन की तरह है

और अंत में
सारी बाते एक तरफ और मैं तुम्हारी तरफ

और हाँ, एक बात..

मुझे तुमसे मोहब्बत है
😘

Tuesday 24 May 2022

एक बात तुम से कहनी है

एक बात तुम से कहनी है
जो बात तुम से ही छुपानी है

एक मुलाकात तुम से करनी है
जहाँ कभी तुम से नही मिलनी है

एक बात पर तुम्हें रुलानी है
वह बात तुम से हँस कर कहनी है

एक जन्म में तुम से मिलना है
हर जन्म में मिलने का वादा तोड़नी है

Sunday 22 May 2022

लड़कियां ब्याही जाती हैं

लड़कियां ब्याही जाती हैं 
सरकारी नौकरों से 
ज़मीनों से, 
दुकानों से 
अमीरों से
जाति से
बस वो ब्याही नहीं जाती तो सिर्फ अपने प्रेमियों से। 
- ?

रोटी

रोटी का आकार कुछ भी हो

गोल,तीन कोना, चार कोना, 
और समझ से बाहर

रोटी जितनी भी मोटी और पतली हो
और तन्दूरी हो

उसका प्रथम और अंतिम उद्देश्य
सिर्फ भूख मिटाना है न कि दूसरा चीज

Tuesday 17 May 2022

दहेज़

दहेज़ के लिए जाति ढूँढनी पड़ती है ।
शादी के लिए पसंद करनी पड़ती है ।।

और अंत में
ये जाति क्यों नही जाती है।
ये दिल किसी कि माने ना

Monday 16 May 2022

@राहुल जी ,जीवेश जी

अच्छी खासी शुकुन की जिंदगी गुज़र रही होती है ...
फिर अचानक कोई पसंद आ जाता है .. 

उसके बाद.

जिंदगी की ऐसी की तैसी हो जाती है..

और अंत में.

नरक बन जाता  है और जीने की इच्छा खत्म..

फिर क्या

जिंदगी अनुलोमविलोम करना शुरू कर देता है
सांस अंदर लेना और सांस बाहर करना..

बस इतना ही

धर्मप्रेमिका

@इन्द्रकांत

कैसे हो?
          ठीक हूं !
                     तुम कैसी हो?
                                        मैं भी ठीक हूं

उपर की लाइनों का सिटी स्कैन किया जाए तो हजारों गम, लाखों ख्वाहिशें और बेहिसाब अंत किये गए सपने मिलेंगे, और इन सभी पर कल्पति आत्मा, घुटती साँसे, आँखों में न रुकने वाली आँशु के बीच“ठीक हूं कि ओढ़ाई गई चादर मिलेगी"


विरह

"प्यार अगर सच्चा हो तो ‪#‎विरह‬ भी प्यारी लगती है..!
नही तो, बगल में साथ चलते हुए भी ‪#‎शरीर_नज़र‬ आती है..!!"

Wednesday 11 May 2022

मेरे अंदर जो अच्छाई है वो सिर्फ मैं हूँ
मेरे अंदर जो बुराई है वो कोई और है

Tuesday 10 May 2022

तू हजारों बार नाराज़ हो जाओ मुझसे...😊!
मैं हर बार मुस्कुरा कर मनाऊँगा तुझे...😊!!

Wednesday 4 May 2022

अब तो स्वीकार कर लो दोस्त

इस दुनियां में कोई भी अपना नही है..!
यह इतना बड़ा सच है इससे लड़ना नही..
बल्कि बहुत जल्दी स्वीकार कर लेना...!!

Tuesday 3 May 2022

BPA,घर और घड़ी शौतन कि

ये जो घड़ी जो दीवार पर टँगी है
मुझे ही लगातार देखे जा रही है
जैसे मेरे घर में मेरा विरोधी रह रही है
पिछले जन्म की शौतन लग रही है
खुद की शुई को तेज कर के मुझे जला रही है
हाथे जोड़ बेवश उससे विनती कर रहा हूँ
कुछ देर और घर मे रुकने की इच्छा हो रही है

Monday 2 May 2022

धर्मप्रेमिका

धर्मप्रेमिका और पत्नी भी किसी पर्व व त्योहार से कम नही होती है...
हर दो, तीन दिनों में मनाना पड़ता है.💐💐☺️☺️

प्रेमी और पति भी घर व आंगन जैसे होते हैं
हर रोज सुबह और शाम झाड़ू लगा के साफ सुथरा  व ठीक रखना होता है..☺️☺️💐💐

Thursday 28 April 2022

धर्मप्रेमिका

सच्चे मन से देखो तो, वैश्या भी पावन लगती है !!
गलत नज़र से देखो तो, सीता भी कलमुँही लगती है  !!

Wednesday 6 April 2022

दिल के अरमा आंसुओं में बह गए

जिंदगी ठीक है, पर अच्छी नही
सब कुछ पास है, पर मनपंसद नही
आँखों मे नींद है, पर सोने का वक़्त नही
फॉलइन होते हैं,पर मार्का समय पर हो इच्छा नही
परेड करते हैं, पर थम नही
नल चालू करते हैं, पर पानी नही
मेस तो जाते हैं, पर रहती थाली नही
खाना तो खाते हैं, पर पचता नही
नाप तो देते हैं, पर सीलता नही
वर्दी तो पहनते हैं, पर कहते हैं सटीक पैटर्न नही
क्लास तो जाते हैं, पर समझते कुछ नही
सर पर तेज धूप है, पर छुपने को छाता नही
संडे तो आती है, पर छुट्टी नही
फटीग तो करते हैं, पर कटती घास नही
समस्या तो वे सुनते हैं, पर समाधान नही
TL तो देते हैं, पर PL नही
और अंत में
दरोगा तो बन गयें, पर दिखते चौकीदार से कम नही

Friday 1 April 2022

यादों की गलियों से..!

कौन क्यों गया छोड़ कर, यह जरूरी नही...
कौन किससे क्या सिख कर गया, ये जरूरी है..
मसला ये नहीं है कि धूप में जलन कितना है,
मुद्दा ये है कि चाँद कि परवाह किसको है ? 

#सवाल

Sunday 27 February 2022

Monday 14 February 2022

पहली मोहब्बत

पहली मोहब्बत को सलाम ...💐💐💐💐


Tuesday 9 November 2021

छठ पूजा पर विशेष

क्योंकि ये छठ जरुरी है..

ये छठ जरुरी है ।

धर्म के लिए नहीं, समाज के लिए नहीं ..
जरुरी है हम आप के लिए जो अपनी जड़ों से कट रहे हैं।

उन बेटों के लिए जिनके घर आने का ये बहाना है। उस माँ के लिए जिन्हें अपनी संतान को देखे महीनों हो जाते हैं। उस परिवार के लिये जो टुकड़ो में बंट गया है।

ये छठ जरुरी है उस नई पौध के लिए जिन्हें नहीं पता की दो कमरों से बड़ा भी घर होता है। उनके लिए जिन्होंने तालाब और नदियों को सिर्फ किताबों में ही देखा है।

ये छठ जरुरी है उस परंपरा को ज़िंदा रखने के लिए जो समानता की वकालत करता है।
जो बताता है कि बिना पुरोहित भी पूजा हो सकती है।

जो सिर्फ उगते सूरज को ही नहीं डूबते सूरज को भी सलाम करता है।

ये छठ जरुरी है गागर निम्बू और सुथनी जैसे फलों को जिन्दा रखने के लिए, सूप और दउरा को बनाने वालों को ये बताने के लिए इस समाज में उनका भी महत्व है।

ये छठ जरुरी है उन दंभी पुरुषों के लिए जो नारी को कमज़ोर समझते हैं।

ये छठ जरुरी है,  बेहद जरुरी।

अंत में आप सभी को आस्था के इस पावन पर्व छठ की हार्दिक शुभकामना।।
🙏छठी मइया सबके जीवन मे खुशियां दें🙏

Sunday 6 June 2021

ये दुनिया अगर मिल भी - Ye Duniya Agar Mil Bhi


Movie/Album: प्यासा (1957)

Music By: एस.डी.बर्मन
Lyrics By: साहिर लुधियानवी
Performed By: मो.रफ़ी

ये महलों, ये तख्तों, ये ताजों की दुनिया
ये इन्सां के दुश्मन समाजों की दुनिया
ये दौलत के भूखे रिवाजों की दुनिया
ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है

हर इक जिस्म घायल, हर इक रूह प्यासी
निगाहों में उलझन, दिलों में उदासी
ये दुनिया है या आलम-ए-बदहवासी
ये दुनिया अगर मिल भी...

यहाँ इक खिलौना है इन्सां की हस्ती
ये बस्ती है मुर्दा-परस्तों की बस्ती
यहाँ पर तो जीवन से है मौत सस्ती
ये दुनिया अगर मिल भी...

जवानी भटकती हैं बदकार बन कर
जवाँ जिस्म सजते हैं बाज़ार बन कर
यहाँ प्यार होता है व्योपार बन कर
ये दुनिया अगर मिल भी...

ये दुनिया जहाँ आदमी कुछ नहीं है
वफ़ा कुछ नहीं, दोस्ती कुछ नहीं है 
जहाँ प्यार की कद्र ही कुछ नहीं है  
ये दुनिया अगर मिल भी...

जला दो इसे फूंक डालो ये दुनिया
जला दो, जला दो, जला दो
जला दो इसे फूंक डालो ये दुनिया
मेरे सामने से हटा लो ये दुनिया
तुम्हारी है तुम ही संभालो ये दुनिया
ये दुनिया अगर मिल भी...

Friday 20 November 2020

धर्मप्रेमिका

जो प्रेम गली में आया ही नहीं
प्रीतम का ठिकाना क्या जाने…

जिसने कभी प्रीत लगाई नहीं
वो प्रीत निभाना क्या जाने…..

Thursday 2 January 2020

कुछ इश्क़ किया कुछ काम किया…


कुछ इश्क़ किया कुछ काम किया…

वो काम भला क्या काम हुआ
जिस काम का बोझा सर पे हो
वो इश्क़ भला क्या इश्क़ हुआ
जिस इश्क़ का चर्चा घर पे हो…

वो काम भला क्या काम हुआ
जो मटर सरीखा हल्का हो
वो इश्क़ भला क्या इश्क़ हुआ
जिसमें ना दूर तहलका हो…

वो काम भला क्या काम हुआ
जिसमें ना जान रगड़ती हो
वो इश्क़ भला क्या इश्क़ हुआ
जिसमें ना बात बिगड़ती हो…

वो काम भला क्या काम हुआ
जिसमें साला दिल रो जाए
वो इश्क़ भला क्या इश्क़ हुआ
जो आसानी से हो जाए…

वो काम भला क्या काम हुआ
जो मज़ा नहीं दे व्हिस्की का
वो इश्क़ भला क्या इश्क़ हुआ
जिसमें ना मौक़ा सिसकी का…

वो काम भला क्या काम हुआ
जिसकी ना शक्ल इबादत हो
वो इश्क़ भला क्या इश्क़ हुआ
जिसकी दरकार इजाज़त हो…

वो काम भला क्या काम हुआ
जो कहे ‘घूम और ठग ले बे’
वो इश्क़ भला क्या इश्क़ हुआ
जो कहे ‘चूम और भग ले बे’…

वो काम भला क्या काम हुआ
कि मज़दूरी का धोखा हो
वो इश्क़ भला क्या इश्क़ हुआ
जो मजबूरी का मौक़ा हो…

वो काम भला क्या काम हुआ
जिसमें ना ठसक सिकंदर की
वो इश्क़ भला क्या इश्क़ हुआ
जिसमें ना ठरक हो अंदर की…

वो काम भला क्या काम हुआ
जो कड़वी घूंट सरीखा हो
वो इश्क़ भला क्या इश्क़ हुआ
जिसमें सब कुछ ही मीठा हो…

वो काम भला क्या काम हुआ
जो लब की मुस्कां खोता हो
वो इश्क़ भला क्या इश्क़ हुआ
जो सबकी सुन के होता हो…

वो काम भला क्या काम हुआ
जो ‘वातानुकूलित’ हो बस
वो इश्क़ भला क्या इश्क़ हुआ
जो ‘हांफ के कर दे चित’ बस…

वो काम भला क्या काम हुआ
जिसमें ना ढेर पसीना हो
वो इश्क़ भला क्या इश्क़ हुआ
जो ना भीगा ना झीना हो…

वो काम भला क्या काम हुआ
जिसमें ना लहू महकता हो
वो इश्क़ भला क्या इश्क़ हुआ
जो इक चुम्बन में थकता हो…

वो काम भला क्या काम हुआ
जिसमें अमरीका बाप बने
वो इश्क़ भला क्या इश्क़ हुआ
जो वियतनाम का शाप बने…

वो काम भला क्या काम हुआ
जो बिन लादेन को भा जाए
वो इश्क़ भला क्या इश्क़ हुआ
जो चबा…’मुशर्रफ’ खा जाए…

वो काम भला क्या काम हुआ
जिसमें संसद की रंगरलियां
वो इश्क़ भला क्या इश्क़ हुआ
जो रंगे गोधरा की गलियां…


2


अरे, जाना कहां है…?

उस घर से हमको चिढ़ थी जिस घर
हरदम हमें आराम मिला…
उस राह से हमको घिन थी जिस पर
हरदम हमें सलाम मिला…

उस भरे मदरसे से थक बैठे
हरदम जहां इनाम मिला…
उस दुकां पे जाना भूल गए
जिस पे सामां बिन दाम मिला…

हम नहीं हाथ को मिला सके
जब मुस्काता शैतान मिला…
और खुलेआम यूं झूम उठे
जब पहला वो इन्सान मिला…

फिर आज तलक ना समझ सके
कि क्योंकर आखिर उसी रोज़
वो शहर छोड़ के जाने का
हम को रूखा ऐलान मिला…



लेखक :-पीयूष मिश्रा