PRATYUSH VIKKY
लोग कहते हैं कि तुम्हारा अंदाज़ बदला बदला सा हो गया है पर कितने ज़ख्म खाए हैं इस दिल पर तब ये अंदाज़ आया है..! A6
Monday 8 April 2024
फुर्सत में यारों के साथ यादों की बस्ती में
Tuesday 5 March 2024
@प्रतीक
Sunday 3 March 2024
@420 D coy
Wednesday 14 February 2024
आप सभी को निश्छल स्नेह दिवस की शुभकामनाएं
Thursday 8 February 2024
उसके जाने के बाद ....
Monday 5 February 2024
Sunday 28 January 2024
Saturday 27 January 2024
Wednesday 17 January 2024
Monday 15 January 2024
Sunday 14 January 2024
Thursday 11 January 2024
शहर खाली पड़ा है..... कब्रिस्तान में भीड़ है...
Sunday 7 January 2024
Monday 18 December 2023
वैसा नही हूँ जैसे मिलता हूँ तुम्हें थाने में
Saturday 9 December 2023
Monday 4 December 2023
छोटू कुमार पंडित @421
Monday 13 November 2023
दीपावली की बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं
Sunday 12 November 2023
दीपावली की बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं
Friday 27 October 2023
दुनियाँ का सबसे बड़ी सजा खुद को दूँगा
Friday 15 September 2023
Monday 11 September 2023
वो खुदगर्ज है...।
Sunday 13 August 2023
Tuesday 25 July 2023
अनजानें शहर में
Sunday 23 July 2023
ये बात भी उसी पर छोड़ आया हूँ
Sunday 16 July 2023
चंद्रयान 3
जन्मदिन की अनंत बधाई एंव शुभकामनाएं
Sunday 9 July 2023
सावन की बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं
यूँ जो तुम आहिस्ते आहिस्ते सारे प्रश्न पूछते हो
Thursday 29 June 2023
अपना ख़्याल रखा करें
Tuesday 20 June 2023
उससे खैरियत पूछे बिना,
Wednesday 14 June 2023
मेरा क्या है.. मैं यूँही दरबदर/तन्हा भटकता हूँ
Friday 2 June 2023
Monday 29 May 2023
Sunday 28 May 2023
Thursday 25 May 2023
Wednesday 10 May 2023
Sunday 7 May 2023
थाना सिरिस्ता
Monday 1 May 2023
तेरी गलियों में ना रखेंगे कदम, आज के बाद ..
Monday 24 April 2023
Saturday 22 April 2023
मैं रावण हूँ.......मुझे राम से ईर्ष्या होती है
Sunday 2 April 2023
पुराने शहर के परिन्दें बहुत याद आते हैं
Saturday 18 March 2023
नये शहर में अगर मैं खो जाऊँगा
Thursday 9 March 2023
होली की शुभकामनाएं
Tuesday 7 March 2023
Bpa छोड़ते छोड़ते
Wednesday 1 March 2023
ऐ bpa वालों तुम्हें कुछ मालूम भी है
Sunday 26 February 2023
कुछ तो है जो छूट रहा है #BPA
Saturday 18 February 2023
लगता है नाराज़ होकर पहुंच गई है भोलेनगरी में
महाशिवरात्रि की शुभकामनाएं
Friday 17 February 2023
सुझाव
Tuesday 14 February 2023
स्नेह दिवस की पगली को भी शुभकामनाएं
Sunday 12 February 2023
Tuesday 7 February 2023
Happy 🌹Rose🌹 Day
Monday 6 February 2023
कंधे में दर्द बहुत है
Sunday 5 February 2023
बजट
Friday 3 February 2023
Wednesday 1 February 2023
Sunday 29 January 2023
चाय
Friday 27 January 2023
Thursday 26 January 2023
इस कमजोर विद्यार्थी को भी..
Monday 23 January 2023
मर्द
Sunday 22 January 2023
Friday 20 January 2023
Wednesday 11 January 2023
Friday 6 January 2023
Saturday 31 December 2022
आख़री खत
Friday 30 December 2022
जब उसने मेरी तरफ देखी
Wednesday 14 December 2022
Sunday 11 December 2022
गोरी है कम ..... आँखों में काजल है ज्यादा
Friday 9 December 2022
वो और भी खूबसूरत होते जा रही ...
Sunday 6 November 2022
379 कहानी की अगली कड़ी
379 कहानी की अगली कड़ी
Saturday 5 November 2022
वे असल मे कब मुस्कुराते है
Friday 28 October 2022
मेरे कमरे में
Tuesday 25 October 2022
वो दीपावली की अगली सुबह की तरह है
ऐ BPA यहाँ से जाने के बाद.....तेरा किस्सा अलग से लिखूँगा
Monday 24 October 2022
एक दीया मैंने भी जलाई है..मोतिहारी
Monday 17 October 2022
मेरी दवा
Sunday 16 October 2022
समझदारी v/s मोहब्बत
Saturday 8 October 2022
घर वापसी
Friday 7 October 2022
वो लड़की याद आती है....
मैं अपने ज़िन्दगी का
Wednesday 5 October 2022
भीड़ का नया कारण/प्रकार भी..
Tuesday 4 October 2022
Monday 3 October 2022
कर्तव्य और जिम्मेदारी के बीच सब्र और इंतज़ार
Saturday 1 October 2022
ज़िन्दगी और कुछ भी नही, तेरी मेरी कहानी है
Wednesday 14 September 2022
अंग्रेजी को भी हिंदी दिवस की शुभकामनाएं
Saturday 27 August 2022
ख़्वाब
Thursday 11 August 2022
दोस्त
Sunday 31 July 2022
क्या इश्क से बचकर भागनें वाले बेवफ़ा नही होता
पूरे सावन भी पतझड़ लगता है
Saturday 30 July 2022
जब से दिल में दर्द तेज हुआ है
Friday 29 July 2022
BPA ड्राइविंग उस्ताद के द्वारा ज़िन्दगी जीने का सीख
जो मेरे दिल मे बसती है उसकी बस्ती
Thursday 28 July 2022
हाँ मीरा मैं भी हूँ तुम्हारी तरह
Wednesday 27 July 2022
दुनियाँ में 3 ही तरह के रिश्ते/लोग अपनें होते हैं
Friday 22 July 2022
वो कहती है,धीरे चलते हो
Saturday 16 July 2022
बुलाती है तेरी बाँहों का सहारा
Thursday 14 July 2022
जो मैं हूँ.....जो मैं नही हूँ
शिव ही नही सावित्री भी पूजा जाए
Tuesday 12 July 2022
ये काली रात ज़रा...आहिस्ते से गुजरना..
Saturday 9 July 2022
सब कुछ अपनें हिस्से रखती है
Tuesday 5 July 2022
नमस्ते यशपाल, सप्रेम हरिस्मरण !
छोटी बहन को खुला पत्र
Saturday 2 July 2022
सीने में एक पगली सी लड़की रहती है
Thursday 30 June 2022
धर्मप्रेमिका के साथ नही से हाँ तक का सफ़र
Saturday 25 June 2022
12 बरस का वनवास
Friday 24 June 2022
बर्तन धोने की इच्छा
Wednesday 22 June 2022
ज़िन्दगी के रिश्तों में लड़की का होना आवश्यक है
Sunday 19 June 2022
तुम्हें तो खुद से भी प्यार करना है
मेरे पिताजी बस इतना ही कहते हैं..
Friday 17 June 2022
सफलता और असफलता
Wednesday 15 June 2022
धर्मप्रेमिका
जुल्फों का छांव
Tuesday 14 June 2022
तुमसे मिलकर ना जाने क्यों...
गायक: Lata Mangeshkar, Shabbir Kumar
संगीतकार: लक्समिकान्त प्यारेलाल
Monday 13 June 2022
युद्ध और प्रेम
Sunday 12 June 2022
Thursday 9 June 2022
प्यार और अधिकार
शादी तो सब करता है पर बराबर का अधिकार कोई नही देता है..!!
Wednesday 1 June 2022
मैं कानूनों का जानकार भी हूँ
Monday 30 May 2022
गिरा हुआ पानी
Sunday 29 May 2022
मैं ही बिहार पुलिस अकादमी हूँ
Thursday 26 May 2022
मोहब्बत और कानून
मेरा इश्क भी शाकाहारी है
Tuesday 24 May 2022
एक बात तुम से कहनी है
Sunday 22 May 2022
लड़कियां ब्याही जाती हैं
रोटी
Tuesday 17 May 2022
दहेज़
Monday 16 May 2022
धर्मप्रेमिका
विरह
नही तो, बगल में साथ चलते हुए भी #शरीर_नज़र आती है..!!"
Wednesday 11 May 2022
Tuesday 10 May 2022
Wednesday 4 May 2022
अब तो स्वीकार कर लो दोस्त
Tuesday 3 May 2022
BPA,घर और घड़ी शौतन कि
Monday 2 May 2022
धर्मप्रेमिका
Thursday 28 April 2022
धर्मप्रेमिका
Wednesday 6 April 2022
दिल के अरमा आंसुओं में बह गए
Friday 1 April 2022
यादों की गलियों से..!
Sunday 27 February 2022
Monday 14 February 2022
पहली मोहब्बत
Tuesday 9 November 2021
छठ पूजा पर विशेष
Sunday 6 June 2021
ये दुनिया अगर मिल भी - Ye Duniya Agar Mil Bhi
Movie/Album: प्यासा (1957)
Lyrics By: साहिर लुधियानवी
Performed By: मो.रफ़ी
तुम्हारी है तुम ही संभालो ये दुनिया
Friday 20 November 2020
धर्मप्रेमिका
जो प्रेम गली में आया ही नहीं
प्रीतम का ठिकाना क्या जाने…
जिसने कभी प्रीत लगाई नहीं
वो प्रीत निभाना क्या जाने…..
Thursday 2 January 2020
कुछ इश्क़ किया कुछ काम किया…
कुछ इश्क़ किया कुछ काम किया…
वो काम भला क्या काम हुआ
जिस काम का बोझा सर पे हो
वो इश्क़ भला क्या इश्क़ हुआ
जिस इश्क़ का चर्चा घर पे हो…
वो काम भला क्या काम हुआ
जो मटर सरीखा हल्का हो
वो इश्क़ भला क्या इश्क़ हुआ
जिसमें ना दूर तहलका हो…
वो काम भला क्या काम हुआ
जिसमें ना जान रगड़ती हो
वो इश्क़ भला क्या इश्क़ हुआ
जिसमें ना बात बिगड़ती हो…
वो काम भला क्या काम हुआ
जिसमें साला दिल रो जाए
वो इश्क़ भला क्या इश्क़ हुआ
जो आसानी से हो जाए…
वो काम भला क्या काम हुआ
जो मज़ा नहीं दे व्हिस्की का
वो इश्क़ भला क्या इश्क़ हुआ
जिसमें ना मौक़ा सिसकी का…
वो काम भला क्या काम हुआ
जिसकी ना शक्ल इबादत हो
वो इश्क़ भला क्या इश्क़ हुआ
जिसकी दरकार इजाज़त हो…
वो काम भला क्या काम हुआ
जो कहे ‘घूम और ठग ले बे’
वो इश्क़ भला क्या इश्क़ हुआ
जो कहे ‘चूम और भग ले बे’…
वो काम भला क्या काम हुआ
कि मज़दूरी का धोखा हो
वो इश्क़ भला क्या इश्क़ हुआ
जो मजबूरी का मौक़ा हो…
वो काम भला क्या काम हुआ
जिसमें ना ठसक सिकंदर की
वो इश्क़ भला क्या इश्क़ हुआ
जिसमें ना ठरक हो अंदर की…
वो काम भला क्या काम हुआ
जो कड़वी घूंट सरीखा हो
वो इश्क़ भला क्या इश्क़ हुआ
जिसमें सब कुछ ही मीठा हो…
वो काम भला क्या काम हुआ
जो लब की मुस्कां खोता हो
वो इश्क़ भला क्या इश्क़ हुआ
जो सबकी सुन के होता हो…
वो काम भला क्या काम हुआ
जो ‘वातानुकूलित’ हो बस
वो इश्क़ भला क्या इश्क़ हुआ
जो ‘हांफ के कर दे चित’ बस…
वो काम भला क्या काम हुआ
जिसमें ना ढेर पसीना हो
वो इश्क़ भला क्या इश्क़ हुआ
जो ना भीगा ना झीना हो…
वो काम भला क्या काम हुआ
जिसमें ना लहू महकता हो
वो इश्क़ भला क्या इश्क़ हुआ
जो इक चुम्बन में थकता हो…
वो काम भला क्या काम हुआ
जिसमें अमरीका बाप बने
वो इश्क़ भला क्या इश्क़ हुआ
जो वियतनाम का शाप बने…
वो काम भला क्या काम हुआ
जो बिन लादेन को भा जाए
वो इश्क़ भला क्या इश्क़ हुआ
जो चबा…’मुशर्रफ’ खा जाए…
वो काम भला क्या काम हुआ
जिसमें संसद की रंगरलियां
वो इश्क़ भला क्या इश्क़ हुआ
जो रंगे गोधरा की गलियां…
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अरे, जाना कहां है…?
उस घर से हमको चिढ़ थी जिस घर
हरदम हमें आराम मिला…
उस राह से हमको घिन थी जिस पर
हरदम हमें सलाम मिला…
उस भरे मदरसे से थक बैठे
हरदम जहां इनाम मिला…
उस दुकां पे जाना भूल गए
जिस पे सामां बिन दाम मिला…
हम नहीं हाथ को मिला सके
जब मुस्काता शैतान मिला…
और खुलेआम यूं झूम उठे
जब पहला वो इन्सान मिला…
फिर आज तलक ना समझ सके
कि क्योंकर आखिर उसी रोज़
वो शहर छोड़ के जाने का
हम को रूखा ऐलान मिला…
लेखक :-पीयूष मिश्रा